रुड़की(संदीप तोमर)। शिक्षाविद,पूर्व राज्य मंत्री,वरिष्ठ भाजपा नेता एवं बीएसएम शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष मनोहर लाल शर्मा का आज शाम निधन हो गया। वह 84 वर्ष के थे और राजनीति के साथ समाजसेवा में सदैव सक्रिय भूमिका में नजर आते थे।
बताया गया है कि शुक्रवार शाम उन्हें उल्टी आने के बाद तबियत खराब हुई,जिसके बाद उन्हें एक निजी चिकित्सक को दिखाया गया। सुबह के समय तक तो उनकी स्थिति लगभग यथावत रही, शनिवार दोपहर में उनकी तबियत में काफी सुधार महसूस किया गया,लेकिन दोपहर बाद लो बल्ड प्रेशर के कारण उनकी तबियत काफी बिगड़ गई। कल शाम लगभग चार बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की सूचना से पूरे रुड़की नगर व आसपास के क्षेत्र में शोक की लहर व्याप्त है। फिलहाल भी बड़ी संख्या में लोगों का उनके आवास पर पहुंचकर अंतिम दर्शन व श्रद्धांजलि अर्पित करने का सिलसिला जारी है। उनके सुपुत्र अधिवक्ता ममतेश शर्मा के अनुसार आज रविवार 15 जून को मालवीय चौक स्थित निर्वाण आश्रम में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। अंतिम यात्रा बीएसएम कालेज के सामने स्थित आवास से शुरू होगी। गौरतलब है कि हाल ही में 30 मई को उनका 84 वां जन्मदिन मनाया गया था। उम्र अधिक होने के कारण कुछ शारीरिक दिक्कतों की वजह से वह पिछले काफी समय से थोड़ा कम घर से निकलते थे,लेकिन उनके स्वास्थ्य व उनकी सामाजिक राजनीतिक गतिविधियों को देखकर उनके खराब स्वास्थ्य का कोई बहुत ज्यादा भान नहीं होता था,बस जो भी अस्वस्थता दिखती थी,वह उम्र की बढ़त वाली दिखती थी। वह कांग्रेस सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री रहे। बीएसएम शिक्षण संस्थान के संस्थापक सदस्य और अध्यक्ष थे। इसके साथ ही ऑल इंडिया गुडविल सोसायटी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी थे। काफी समय पूर्व उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। शर्मा परिवार के साथ सैकड़ों समर्थकों द्वारा कांग्रेस गमन कर भाजपा में जाने से कांग्रेस को जो बड़ा नुकसान हुआ,वह तो अपनी जगह है ही,लेकिन उनकी आमद और सहयोग के नतीजे के रूप में भाजपा कई चुनाव जीत चुकी है। ब्राह्मण समेत सर्व समाज के बीच उनका बड़ा नाम था। उनके निधन के बाद उनके चाहने वालों में शोक की लहर है। उनके जीवन संघर्ष और जीवटता के साथ ही समाज में सामाजिक,राजनीतिक व अहम शैक्षिक योगदान पर एक रिपोर्ट जल्द ही पढ़िएगा। अभी तो खुलासा न्यूज की ओर से उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि स्वरूप बस ये पढ़ लीजिए कि “बड़े शौंक से सुन रहा था जमाना,तुम्हीं सो गए दास्तां कहते-कहते।”
