Oplus_16908288
देहरादून(संदीप तोमर)। जब इंसान अपनी भूल स्वीकार कर विनम्रता से आगे बढ़ता है,तो वही उसकी सबसे बड़ी ताकत होती है।
गलती मान लेना ही नहीं,उसे सुधारने का साहस दिखाना भी सच्ची नेतृत्व क्षमता है।
पिछले दिनों अनजाने में दिए वक्तव्य का वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत ने कल गुरुद्वारे में जूता सेवा कर प्रायश्चित किया।
हरक सिंह रावत ने हिमाचल के पांवटा साहिब स्थित प्रसिद्ध गुरुद्वारे में सेवा कर सिख समाज से अनजाने में हुई भूल का प्रायश्चित किया।
यह कदम एकता,सम्मान और सद्भाव की मिसाल है।
सिख परंपरा हमें सिखाती है कि सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं।
गलती पर माफी और माफी के बाद सेवा—यह बड़ा उदाहरण हरक सिंह रावत ने प्रस्तुत किया है।
सम्मान और सद्भाव का यह कदम स्वागत योग्य है। भूल स्वीकारने से बड़ा कोई साहस नहीं। गुरुद्वारे में सेवा कर हरक सिंह रावत ने सिख भाइयों से अनजाने में हुई भूल का प्रायश्चित किया। अनेक लोगों के अनुसार अब इस मामले को और तूल नहीं दिया जाना चाहिए।
