रुड़की के प्रतिष्ठित भूषण परिवार की महिला रेखा रानी शर्मा की मृत्यु दुखद तो है पर मृत्यु की सहजता बना रही उसे दिव्य
रुड़की(संदीप तोमर)। शहर के एक प्रतिष्ठित परिवार में दुखद समाचार ने सबको भावुक कर दिया है।
नामी व्यापारी और सामाजिक नेता रहे पंडित रूपचंद शर्मा की पुत्रवधु श्रीमती रेखा रानी शर्मा पत्नी चंद्र भूषण शर्मा, का बुधवार 24 सितंबर को 73 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
किसी प्रियजन का जाना हमेशा गहरा दुख देता है… लेकिन रेखा रानी शर्मा के देहांत का तरीका देखकर हर कोई यही कह रहा है कि देवी दुर्गा ने नवरात्र के पावन दिनों में उन्हें अपने चरणों में बुला लिया।
उनके पुत्र सौरभ भूषण,जो कि प्रतिष्ठित विशंभर सहाय ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स के संचालक हैं,बताते हैं कि माँ की मृत्यु जितनी अचानक थी, उतनी ही सहज और दिव्य भी।
बुधवार की शाम उन्होंने स्वयं अपने घर पर देवी कीर्तन का आयोजन किया था।
उन्होंने खासतौर पर उन महिलाओं को फोन कर बुलाया जो पिछली बार कीर्तन शामिल नहीं हो पाई थीं।
शाम करीब 5 बजे उन्होंने परिवार के लिए भोजन खुद तैयार किया और फिर श्रद्धा से कीर्तन में शामिल हो गईं।
कीर्तन में उन्होंने तीन देवी भजन गाए और दो पर नृत्य भी किया।
तीसरे भजन पर वह भक्ति में लीन होकर नृत्य कर रही थीं…
परिजनों ने उन्हें आराम करने की सलाह भी दी,लेकिन वे देवी के चरणों में झूमती रहीं…
और फिर उसी नृत्य के बीच उन्होंने शांतिपूर्वक अंतिम सांस ली।
सौरभ भूषण बताते हैं — “माँ को कोई दिल की बीमारी नहीं थी। हाल ही में हुए सभी मेडिकल चेकअप सामान्य थे। लेकिन अचानक इस तरह उनका चले जाना चौंकाने वाला है। फिर भी,हमें लगता है कि यह उनकी भक्ति और साधना का ही फल है कि देवी मां ने उन्हें बिना कष्ट के अपने पास बुला लिया।”
रेखा रानी शर्मा धर्म-कर्म में गहराई से जुड़ी हुई थीं। वह न केवल एक पारिवारिक और धार्मिक स्वभाव की महिला थीं,बल्कि समाज और राजनीति की भी समझ रखती थीं।
साल 2025 की शुरुआत में,रुड़की नगर निगम की महिला मेयर सीट घोषित होने पर उन्होंने भाजपा टिकट के लिए दावेदारी भी की थी।
स्थानीय प्रतिष्ठित डिजिटल न्यूज चैनल खुलासा न्यूज को दिए गए उनके एक इंटरव्यू में उनकी गंभीरता,परिपक्वता और राजनीतिक समझ स्पष्ट झलकती है।
उनका जाना निश्चित रूप से परिवार और समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। लेकिन हिंदू धर्म में कहा गया है कि यदि मृत्यु सहज और बिना कष्ट के हो,तो वह स्वयं भगवत कृपा मानी जाती है।
दैनिक जनभारत मेल परिवार,भूषण परिवार के इस गहरे दुख में पूर्ण रूप से सहभागी है।
हम यही कह सकते हैं — जब तक रेखा रानी शर्मा इस धरती पर थीं,वे देवी समान सत्कर्मी महिला थीं… और अब नवरात्र के शुभ अवसर पर जगत देवी दुर्गा ने स्वयं उन्हें अपने धाम बुला लिया। इस पूरी घटना को देखकर यही दो बातें मन में आती हैं —पहली,मृत्यु अटल सत्य है और दूसरी,उसकी सहजता या कठिनता व्यक्ति के कर्मों पर निर्भर करती है।
