संदीप तोमर
रुड़की। ख्यातिलब्ध शायर अफजल मंगलौरी का एक प्रसिद्ध शेर है—–
“उन्हें बताओ कि तुफां है हमारा वजूद,
हमें जो लोग गली की हवा समझते थे।”
ये शेर रुड़की की भाजपा मेयर श्रीमती अनीता ललित अग्रवाल पर हाल-फिलहाल उनके द्वारा न सिर्फ रुड़की शहर हित(बल्कि राज्य हित कहें तो गलत न होगा)में किए गए एक सकारात्मक प्रयास से बिल्कुल सटीक बैठता है। किस कृत्य की वजह से बैठता है यह खबर को स्क्रॉल करने पर आगे समझ आयेगा,लेकिन यहां यह समझ लीजिए कि रुड़की मेयर सीट पर भाजपा टिकट से शानदार वोटों का आंकड़ा बनाते हुए निर्दलीय के दशकों पुराने मिथक को तोड़ने वाली श्रीमती अनीता ललित अग्रवाल एक सुशिक्षित,साधारण,सुसंस्कारित महिला हैं। उनके पति ललित मोहन अग्रवाल एक सफल कारोबारी है। कहा जाता है कि पति ललित मोहन अग्रवाल की व्यापारिक सफलता के पीछे तो श्रीमती अनीता अग्रवाल हैं ही,आज के समय में कम नजर आने वाले संयुक्त अग्रवाल परिवार को भी वह एक जिम्मेदार गृहणी के तौर पर संभालती आई हैं। यही सब कारण जहां उन्हें एक तरफ गृहलक्ष्मी का खिताब देते हैं तो दूसरी तरफ उनके चुनाव जीतने के बाद उनके सुसंस्कारित होने व कुशल पारिवारिक महिला होने को ही आधार बनाकर विरोधी उनकी आलोचना करने लगे। कहा जाने लगा कि वह घर तो अच्छा संभाल रही हैं पर शहर अच्छे से नहीं संभाल पाएगी। उनके सही तरीके से राजनीतिक भाषण या मीडिया बाइट न देने को ही उनकी राजनीतिक परिपक्वता का पैमाना मान लिया गया। यहां तक कहा जाने लगा कि उनके पास शहर के लिए विजन नहीं है। हालांकि शुरुवाती कुछ समय उन्हें चीजों को समझने में जरूर लगा,लेकिन अब उनके कामकाज से लगता है कि नगर निगम की गाड़ी पटरी पर आने की ओर बढ़ रही है। (किस तरह बढ़ रही है इस सब पर एक विस्तृत रिपोर्ट जल्द।) लेकिन यहां उनकी आलोचना करने वालों को समझ लेना चाहिए कि कोई भी अपना काम मां के पेट से सीखकर नहीं आता,फिर श्रीमती अनीता ललित अग्रवाल ने बहुत कम समय में अपने काम और शहर को उसकी समस्याओं सहित समझना शुरू कर दिया है। जहां तक उनके ठीक से मीडिया बाइट व मंचीय संबोधन की बात है तो यह भी कोई सीधे राजनीति में आते ही नहीं सीख जाता। परिपक्व राजनेता श्रद्धेय स्व.मुलायम सिंह यादव की बात तो मीडिया को भी ध्यान लगाकर समझनी पड़ती थी। आज नरेंद्र मोदी बहुत शानदार वक्ता है लेकिन उनके मुकाबले राहुल गांधी? 2008 में रुड़की पालिका चेयरमैन बनने से पूर्व वर्तमान विधायक प्रदीप बत्रा संबोधन का नाम सुनते ही परेशान हो उठते थे,लेकिन आज उनकी संबोधन शैली बोलते-बोलते निखर गई है। खैर करत करत अभ्यास,जड़ मती होत सुजान की तर्ज पर श्रीमती अनीता ललित अग्रवाल जल्द ही मंचीय संबोधन भी सीख ही जाएंगी,लेकिन क्या इस संबोधन को सीखने से जरूरी यह नहीं कि सीट पर रहते आप समझ जाएं कि आपके शहर को क्या चाहिए?जो लगता है श्रीमती अनीता ललित अग्रवाल बेहतर समझ गई हैं। यूं स्थानीय स्तर पर नगर निगम रूपी काजल की कोठरी में अभी तक बेहद तेज रोशनी के साथ श्रीमती अनीता ललित अग्रवाल ईमानदारी से अपने कर्तव्य पथ पर बढ़ रही हैं,इसके साथ ही उन्होंने शहर के लिए विजन भी बड़ा कर दिया है। अब समझिए कि इस विजन के तहत उन्होंने क्या प्रयास किया है।
दरअसल मेयर श्रीमती अनीता ललित अग्रवाल ने तीन रोज पूर्व सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को दिए गए ज्ञापन में रुड़की में साबरमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर रुड़की रिवर फ्रंट का विकास करने तथा इसे कुंभ मेला-2027 की बजट योजना में सम्मिलित करने की अहम मांग की है। मुख्यमंत्री को दिए गए ज्ञापन में उन्होंने कहा कि रुड़की नगर निगम की ओर से एक महत्वपूर्ण विकासात्मक प्रस्ताव आपके सम्मुख प्रस्तुत किया जा रहा है,जो उत्तराखंड राज्य के पर्यटन,सांस्कृतिक समृद्धि तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकता है। रुड़की नगर एक ऐतिहासिक शैक्षिक और भौगोलिक दृष्टि से भी विशेष स्थान रखता है। यहां बहने वाली सोलानी नहर के किनारे रुड़की रिवर फ्रंट के रूप में एक सुव्यवस्थित और आधुनिक पर्यटन स्थल का निर्माण किया जाए,जिससे नगर का विकास हो सके। मुख्यमंत्री को दिए गए ज्ञापन में उन्होंन क्रमशःनहर के सुरक्षित एवं सुनियोजित हिस्सों में नौकायन की सुविधा उपलब्ध कराने,स्वच्छ एवं स्वास्थित फ्रूट स्ट्रीट,उत्तराखंडी व्यंजन एवं अन्य खाद्य विकल्पों के लिए एक स्वच्छ नियंत्रण युक्त फूड जोन विकसित करने,हरित पट्टी एवं मनोरंजन क्षेत्र,पर्यावरण संरक्षण तथा नगर को हराभरा बनाए रखने के लिए हरियाली युक्त उद्यान योग स्थल,साइकलिंग व जॉगिंग ट्रैक और बच्चों के लिए खेल क्षेत्र की स्थापना एवं सुरक्षा व स्वच्छता की पुख्ता व्यवस्था,सीसीटीवी कैमरे,सार्वजनिक शौचालय,नियमित सफाई,पीने का पानी तथा पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने की मांग मुख्यमंत्री से की है। उन्हें उम्मीद है कि सहृदय मुख्यमंत्री श्री धामी शीघ्र ही इस पर अमल कर कार्रवाई शुरू कराएंगे। खैर इस सब जानकारी के बाद अब आप ही बताएं कि खबर की शुरुवात में जो ख्यातिलब्ध शायर अफजल मंगलौरी का प्रसिद्ध शेर “उन्हें बताओ कि तुफां है हमारा वजूद,हमें जो लोग गली की हवा समझते थे”,क्या हमने श्रीमती अनीता ललित अग्रवाल के लिए उसका इस्तेमाल गलत किया है?
